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मानव नारद मुक्त शुभता का सतत् योग करके प्रतीक जननी समान ही प्रकृति प्राण हूं रूप रौद्र भारत करती प्रार्थना संसार देश धारण बादल पराजित कृष्ण एक दूजे के हैं पूरक

Hindi रौद्र रूप भी धारण करती Poems