पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है। पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है।
धरा ने अपना रौद्र रूप दिखाया पानी को अपने अंदर रख लिया सूरज ने गुस्सा दिखाया दुःख की बार... धरा ने अपना रौद्र रूप दिखाया पानी को अपने अंदर रख लिया सूरज ने गुस्सा दि...
भारत जी ने दिग्विजय में करोड़ों गंधर्वों का संहार किया था। भारत जी ने दिग्विजय में करोड़ों गंधर्वों का संहार किया था।
तभी तो पाँव पखारे नारद के चरणामृत अपने सिर पर धारण किया तभी तो पाँव पखारे नारद के चरणामृत अपने सिर पर धारण किया
तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ, तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ,
कभी चक्रवाती रूप धारण कर उजाड़ जाती हैं पशु-पक्षियों कभी चक्रवाती रूप धारण कर उजाड़ जाती हैं पशु-पक्षियों